गीत – ओ दुनिया के रहने वालों बोलो
कहाँ गया चितचोर
फ़िल्म – दिल की रानी (1947)
संगीतकार – एस डी बर्मन
गीतकार – यशोदानन्दन जोशी
गायक – राज कपूर
राज कपूर पर फ़िल्माये गये गीत याद करने पर सबसे पहले गायक मुकेश के गाये गीत याद आते हैं, जैसे- ‘मेरा जूता है जापानी’, ‘आवारा हूँ’, ‘डम डम डीगा डीगा’, ‘मेरा नाम राजू’ वग़ैरह वग़ैरह। यह सूची काफ़ी लम्बी बन सकती है। दूसरा नाम जो ज़हन पर उभरता है वह है मन्ना डे का। ‘लागा चुनरी में दाग छुपाऊं कैसे’ (दिल ही तो है), ‘मस्ती भरा है समां’ (परवरिश), ‘आजा सनम मधुर चाँदनी’ (चोरी चोरी), ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ (श्री 420) इत्यादि। यहाँ भी आप कई और गीत भी जोड़ सकते हैं। इन दोनों के अलावा भी कई गायक हैं जिन्होंने राज कपूर के लिये प्लेबैक दिया है, जैसे – मोहम्मद रफ़ी। फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर‘ में राज कपूर के लिये तीन गायकों ने अपनी आवाज़ें दी थीं।
मुकेश (जाने कहाँ गये वो दिन, कहता है जोकर, जीना यहाँ मरना यहाँ), मन्ना डे (ऐ भाई ज़रा देख के चलो। इस गीत के लिये उन्हें फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मिला) और मोहम्मद रफ़ी (सदके हीर तुझ पे)। आर के फ़िल्म्स की पहली फ़िल्म ‘आग‘ में राज कपूर के लिये रफ़ी ने गाया था – ‘मैं ज़िन्दगी में हरदम रोता ही रहा हूँ’। इसके अलावा ‘पापी‘ (तेरा काम है जलना परवाने , चाहे शमा जले या ना जले), ‘अन्दाज़‘ (मिलने वाले कहीं उल्फत में जुदा होते हैं ), ‘दो उस्ताद‘ (नज़रों के तीर मारे कस कस कस), ‘दास्तान‘ (तारारी तारारी), ‘एक दिल और सौ अफ़साने‘ (तुम ही तुम हो मेरे जीवन में), ‘अम्बर’ (हम तुम ये बहार) आदि। पर यह सूची अधिक लम्बी नहीं हो सकती।
तलत महमूद ने भी राजकपूर के लिये पार्श्व गायन किया था – ‘अनहोनी‘ (मैं दिल हूँ एक अरमान भरा’, ‘बेवफ़ा‘ (दिल मतवाला लाख संभाला), ‘जान पहचान(अरमान भरे दिल की लगन तेरे लिये है)। मदन मोहन, सुरैया और राज कपूर बचपन में रेडियो पर बच्चों के प्रोग्राम में भाग लेने साथ जाया करते थे। पर बड़े हो कर इन लोगों ने साथ काम बहुत सीमित किया। मदनमोहन ने राज कपूर अभिनीत केवल दो फ़िल्मों में संगीत दिया। ‘आशियाना‘ में तलत महमूद का गाया एक गीत है जो राज कपूर पर फ़िल्माया गया था – ‘मैं पागल मेरा मनवा पागल’। दूसरी फ़िल्म थी – ‘धुन‘ (1953), इसमें राज कपूर के लिये हेमन्त कुमार का प्लेबैक मदनमोहन ने लिया था -‘हम प्यार करेंगे’।
किशोर कुमार ने भी एस डी बर्मन के संगीत निर्देशन में राज कपूर के लिये फ़िल्म ‘प्यार‘ (1950) में दो गीत गाये थे – ‘एक हम और दूसरे तुम तीसरा कोई नहीं’ तथा ‘मोहब्बत का इक आशियाँ बनाया’। इन प्रमुख गायकों के साथ साथ शंकर दासगुप्ता (जान पहचान), चितलकर/सी रामचन्द्र (सरगम), भाटकर/नारायण दत्त (नील कमल), कमलेश अवस्थी (गोपीचन्द जासूस) आदि के गाये गीतों पर भी पर्दे पर राजकपूर नज़र आये।
फ़िल्म – ‘दिल की रानी‘ (1947) राज कपूर और मधुबाला की आरंभिक फ़िल्मों में से एक थी। इस फ़िल्म के संगीतकार सचिनदेव बर्मन थे। उन्होंने एक ‘टैण्डम सांग’ बनाया था – ‘ओ दुनिया के रहने वालों बोलो कहाँ गया चितचोर’। इसका एक वर्शन सोलो रूप में केवल राजकपूर की अपनी आवाज़ में था तथा दूसरा वर्शन युगलगीत रूप में था जिसमें राज कपूर का साथ गीतादत्त ने दिया था।
साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।