गीत – मोहब्बत कर लो, जी भर लो, अजी किसने रोका है 
फ़िल्म – आरपार (1954)
संगीतकार – ओ पी नय्यर
गीतकार – मजरूह सुल्तानपुरी
गायक – मोहम्मद रफी, गीतादत्त और सुमन कल्याणपुर।

विवाह (1958) से पहले सुमन कल्याणपुर ‘सुमन हिमाड़ी’ थीं। हिन्दी में सबसे पहले उन्हें गाने का अवसर फ़िल्म ‘मंगू'( 1954 ) में मिला। उससे पहले वे एक मराठी फ़िल्म में पार्श्वगायन कर चुकीं थीं । शेख़ मुख़्तार प्रोडक्शन की फ़िल्म ‘ मंगू ‘ ( शेख़ मुख़्तार , निगार सुल्ताना , शीला रमानी , मुकरी , एन ए अंसारी ) के निर्देशक एन ए अंसारी थे । पहले इस फ़िल्म में संगीत मोहम्मद शफ़ी दे रहे थे । उनके संगीत निर्देशन में सुमन कल्याणपुर ने तीन गीत रिकार्ड करवाये थे । बाद में मोहम्मद शफ़ी इस फ़िल्म से अलग हो गये और उनकी जगह ओ पी नय्यर आ गये । ओ पी नय्यर ने सुमन कल्याणपुर का गाया केवल एक गीत फ़िल्म में रखा – ‘ कोई पुकारे धीरे से तुझे , अॉंखों के तारे दिल के सहारे ‘ । शेष दो रिकार्ड किये गीत रद्द कर दिये गये ।

उसी वर्ष रिलीज़ हुयी फ़िल्म ‘ आरपार ‘ ( गुरुदत्त , शकीला , श्यामा ) में ओ पी नय्यर ने गीतादत्त और मोहम्मद रफी के साथ सुमन कल्याणपुर से एक गीत में दो लाइनें गवाईं थीं । वह गीत था – ‘ मोहब्बत कर लो जी भर लो , अजी किसने रोका है ‘ । गीत का जो रिकार्ड जारी हुआ वह केवल गीतादत्त और मोहम्मद रफी के स्वरों में था । सुमन कल्याणपुर द्वारा गाई हुयी पंक्तियाँ उसमें शामिल नहीं थीं । अलबत्ता फ़िल्म में ज़रूर सुमन कल्याणपुर का गाया हिस्सा रखा गया ( 1:30 – 1:41 ) –

‘मोहब्बत क्या है सुनो जी हमसे
सब कुछ है इसी के दम से’

ये पंक्तियाँ पर्दे पर एक जूनियर आर्टिस्ट / ग्रुप डांसर गाती हुयी नज़र आती है । इस गीत के कोरस में भी सुमन जी की आवाज़ शामिल थी । यह इकलौती फ़िल्म थी जिसमें संगीतकार ओ पी नय्यर ने सुमन कल्याणपुर को गाने का मौक़ा दिया था । इसके बाद लता मंगेशकर के साथ साथ उन्होंने सुमन कल्याणपुर से भी कभी कोई गीत नहीं गवाया।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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