गीत – आज है दो अक्टूबर का दिन
आज का दिन है बड़ा महान
फ़िल्म – परिवार (1968)
संगीतकार – कल्याणजी आनन्दजी
गीतकार – गुलशन बावरा
गायिका – लता मंगेशकर

निर्माता, निर्देशक केवल पी कश्यप पहले एक पब्लिक रिलेशन आॅफ़ीसर थे। उन्होंने शंकर जयकिशन, ओ पी नय्यर, रवि और सुनील दत्त के लिये यह काम किया था। वे एक अच्छे फ़ोटोग्राफ़र भी थे। धीरे धीरे अपने काम की एकरसता से ऊब कर उन्होंने फ़िल्म बनाने का निर्णय लिया। मनोज कुमार से अच्छी दोस्ती होने के कारण उनसे विचार विमर्श कर पहली फ़िल्म ‘शहीद‘ (1965) बनाई जिसकी बेहद सराहना हुई। अपनी प्रोडक्शन कम्पनी का नाम उन्होंने रखा ‘के पी के मूवीज़‘। ‘शहीद’ के बाद ‘परिवार‘ और ‘विश्वास‘ (जीतेन्द्र, अपर्णा सेन) फ़िल्में बनायीं। जब वे अपनी चौथी फ़िल्म ‘चोरी चोरी‘ (संजय खान, राधा सलूजा) बना रहे थे तो काफ़ी आर्थिक व अन्य दिक़्क़तें आ रहीं थीं। फ़िल्म के जल्दी प्रदर्शन के आसार नज़र नहीं आ रहे थे।

के पी के मूवीज़ का ‘लोगो’ अर्थात् प्रतीक चिन्ह एक लाल त्रिकोण था जिस पर के पी के मूवीज़ लिखा रहता था। उन दिनों भारत सरकार के परिवार नियोजन प्रोग्राम का प्रतीक भी एक उल्टा लाल तिकोन हुआ करता था। उसके नीचे लिखा रहता था – ‘बस दो या तीन बच्चे’।’चोरी चोरी’ के प्रदर्शन में देर हो रही थी, उन दिनों की लोकप्रिय फ़िल्म पत्रिका ‘माधुरी’ में एक व्यंग्य चित्र छपा। उस व्यंग्य चित्र में एक तरफ़ फेमिली प्लानिंग वाला तिकोन बना था ‘बस दो या तीन बच्चे’, दूसरी तरफ़ के पी के मूवीज़ का लोगो/एम्बलम वाला तिकोन बना था जिस पर लिखा हुआ था -‘बस दो या तीन फ़िल्में’। उस कार्टून से केवल पी कश्यप अत्यन्त आहत हुये। उन्होंने अपनी कम्पनी का प्रतीक चिन्ह बदल दिया।

A tale of two brothers – One Villain, another a Comedian

केवल पी कश्यप ने परिवार नियोजन की पृष्ठभूमि पर फ़िल्म ‘परिवार (1968) बनायी थी जिसमें जीतेन्द्र, नन्दा, राजेन्द्र नाथ ने प्रमुख भूमिकायें निभायीं थीं। फ़िल्म में जीतेन्द्र, नन्दा के बेटे का जन्मदिन दो अक्टूबर के दिन पड़ता है। उसकी जन्मदिन की पार्टी में नन्दा महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी को याद करती हैं जिनका जन्म भी दो अक्टूबर को हुआ था। बेटे से यह आशा करते हुये कि वह भी उन महापुरुषों की बतलाई राह पर चलेगा वे यह गीत गाती हैं-

आज है दो अक्टूबर का दिन
आज का दिन है बड़ा महान
आज के दिन दो फूल खिले थे
जिनसे महका हिन्दुस्तान
नाम एक का बापू गांधी
और इक लाल बहादुर है
एक का नारा अमन
एक का जय जवान जय किसान

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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