गीत – मुझे देख चाँद शरमाये , घटा थम जाये
मैं निकलूँ तो कहे हाय , ज़माना कहे हाय
फ़िल्म – सम्राट चन्द्रगुप्त (1958 )
संगीतकार – कल्याणजी वीरजी
गायिका – लता मंगेशकर
गीतकार – ? ? ?

क्या आप इस गीत के गीतकार का नाम जानते हैं? ज़रा अन्दाज़ लगाइये। इस फ़िल्म में चार गीतकार थे- भरत व्यास, इन्दीवर, हसरत जयपुरी और चौथा इस गीत का गीतकार। कौन हो सकता है? थोड़ा सोचिये तब तक मैं कुछ और बातें करता हूँ। फ़िल्म – ‘सम्राट चन्द्रगुप्त’ के प्रोड्यूसर थे सुभाष देसाई जो नामचीन निर्देशक मनमोहन देसाई के भाई थे।निर्देशक थे बाबूभाई मिस्त्री और उनके सहायक निर्देशक के रूप में थे मनमोहन देसाई। स्वतंत्र संगीतकार के रूप में कल्याणजी वीरजी की यह पहली फ़िल्म थी। उनके छोटे भाई आनन्दजी वीरजी और लक्ष्मीकांत (प्यारेलाल) संगीत में उनके सहायक थे। इससे पहले कल्याणजी हेमन्त कुमार के सहायक थे और फ़िल्म -‘नागिन‘ की बीन की धुन बजाने का श्रेय हारमोनियम पर संगीतकार रवि (वे भी हेमन्त दा के सहायक थे) और क्लेवायलिन पर कल्याणजी को सामूहिक रूप से दिया जाता है। रवि के अनुसार गोवा में जन्मी एक महिला पियानो वादिका ल्यूसिला पंचेको ने पियानो पर यह धुन बनाई थी जिसका भारतीयकरण रवि ने हारमोनियम और कल्याणजी ने क्लेवायलिन पर किया था जो अन्ततः नागिन की बीन के रूप में ‘मेरा मन डोले मेरा तन डोले‘ गीत में जनता के सामने आया।

शुरू में कल्याणजी अकेले संगीत देते थे। उनकी अकेले की और फ़िल्में हैं- ‘पोस्ट बाक्स नं. 999‘ और ‘ओ तेरा क्या कहना‘। फ़िल्म – ‘सम्राट चन्द्रगुप्त’ में भारत भूषण नायक और निरूपाराय नायिका के रूप में थे। इस फ़िल्म में निरूपाराय का योगदान एक गीतकार के रूप में भी था। आज का यह गीत निरूपाराय का लिखा हुआ ही है। वे इस फ़िल्म की नायिका थीं लेकिन उनका लिखा यह गीत उन पर नहीं फ़िल्माया गया था। यह गीत नर्तकी अभिनेत्री कम्मो पर फ़िल्माया गया है।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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