गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…
गीत – मुझे देख चाँद शरमाये , घटा थम जाये मैं निकलूँ तो कहे हाय…
गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…
गीत – मुझे देख चाँद शरमाये , घटा थम जाये मैं निकलूँ तो कहे हाय…