गीत – रात सुहानी है सोया सोया चाँद है
मेरी क़सम है तुझको एक बार मुस्कुरा दे
फ़िल्म – हमसफ़र (1960) – पाकिस्तानी फ़िल्म
संगीतकार – मुसलेहुद्दीन
गीतकार – शौक़त हाशमी

ऐसे पाकिस्तानी गायक जिन्होंने बाॅलीवुड में भी नाम कमाया है, की एक लम्बी लिस्ट है – नुसरत फ़तह अली खान , ग़ुलाम अली , राहत फ़तह अली खान , आतिफ़ असलम , शफाकत अमानत अली , अली ज़फ़र , अदनान सामी आदि आदि। इनमें से अदनान सामी को तो अब भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। आज चर्चा कुछ ऐसे भारतीय गायकों की जिन्होंने पाकिस्तानी फ़िल्मों के लिये गीत गाये । पाकिस्तानी फ़िल्म ‘ मैं एक दिन लौट के आऊँगा ‘(2006) में दोनों देशों के कलाकारों ने साथ काम किया था । भारतीय नायिका पूजा कँवल के साथ पाकिस्तान के कलाकार हुमायूँ सईद और अहमद बट्ट थे। फ़िल्म के डायरेक्टर शोएब आलम तथा संगीतकार जावेद अहमद थे । इस फ़िल्म में जावेद अहमद ने एक डुएट आशा भोंसले के साथ गाया था – ‘ दिल के तार बजे , आओ धरती को रंग दें , रुत है मिलन की ओ साथिया।’

पाकिस्तानी फ़िल्म ‘मिस 56‘ (1956) के निर्देशक रूप के शोरी थे। इस फ़िल्म के कलाकार मीना शोरी (रूप के शोरी की पत्नी) , ज़रीफ़ , चार्ली , सन्तोष कुमार और असलम परवेज़ थे। रूप के शोरी ने भारत में भी कई फ़िल्में बनाईं थीं । उनकी सबसे हिट फ़िल्म ‘ एक थी लड़की ‘ ( 1949 ) थी जिसमें मीना शोरी और मोतीलाल की जोड़ी थी । इस फ़िल्म का एक सदाबहार गीत है – ‘ लारा लप्पा लारा लप्पा लाई रखदा ‘ जिसके बाद मीना शोरी ‘ लारा लप्पा गर्ल ‘ के नाम से मशहूर हो गयीं थीं । बाद में रूप के शोरी मीना शोरी के साथ पाकिस्तान चले गये थे । पाकिस्तान जा कर वे वहाँ भी फ़िल्में बनाते रहे । उन फ़िल्मों में ही एक है ‘ मिस 56 ‘ । इस फ़िल्म में संगीत जी ए चिश्ती का था तथा गीतकार वली साहब थे । ‘ मिस 56 ‘ में गीता दत्त का गाया एक गीत था –

एक बात सुनाती हूँ किसी से ना कहना
कहते शर्माती हूँ किसी से ना कहना

फ़िल्म में किसी पाकिस्तानी गायिका की आवाज़ में यह गीत था लेकिन 78 rpm का जो रिकार्ड मार्केट में बिका वह गीता दत्त की आवाज़ में था । समझा जाता है कि रूप के शोरी ने भारत में किसी ( शेल्व्ड ) फ़िल्म के लिये गीता दत्त का गाना रिकार्ड कराया था जिसे वे अपने साथ पाकिस्तान ले गये तथा उस गीत को ‘ मिस 56 ‘ में इस्तेमाल कर लिया । इन सब कारणों से असली गीतकार और संगीतकार के नाम सामने नहीं आ पाये । तलत महमूद एक बार पाकिस्तान गये थे । वहाँ उन्होंने दो फ़िल्मों के लिये तीन गाने रिकार्ड कराये । इसके अलावा उनकी आवाज़ में सात ग़ैरफ़िल्मी गीत भी रिकार्ड हुये ।ग्रामाफोन कम्पनी आफ पाकिस्तान ने एक कार्यक्रम में उनका अभिनन्दन करते हुये उन्हें एक शील्ड प्रदान की जिसके ऊपर लिखा था -‘ ख़ुदा वो वक़्त ना लाये ।’  ‘ख़ुदा वो वक़्त ना लाये ‘ तलत महमूद की आवाज़ में वहाँ रिकार्ड हुआ एक ग़ैरफिल्मी गीत था । इसके अलावा छः अन्य ग़ैरफ़िल्मी गीत थे-

दोनों जहाँ तेरी मोहब्बत में हार के
नज़रों से दूर वो रहे
कोई अब तक नहीं आया
तुम तो दो दिन के लिये आ के चली जाती हो
पीपल की छांव तले सपनों के दीप जले
बिन तेरे कुछ न भाये रे सजन

इन सात ग़ैरफ़िल्मी गीतों के साथ ‘ घनघोर घटा ‘ ( 1961 ) का गीत ‘ खोली है ज़ुबां फिर भी ख़ामोश रहे हैं ‘ तथा फ़िल्म ‘ चिराग़ जलता रहा ‘ ( 1962 ) के लिये दो गीत – ‘ कोई उम्मीद बर ‘ और ‘ मुश्किल निकला दिल का सँभलना ‘ भी तलत साहब के रिकार्ड हुये थे । ‘ चिराग़ जलता रहा ‘ के गीतों के शायर फ़ज़ल करीम फ़ज़ली तथा म्यूज़िक डायरेक्टर नेहाल अब्दुल्ला थे । हेमन्त कुमार का गाया एक बेहद दिलकश गीत पाकिस्तानी फ़िल्म ‘ हमसफ़र ‘ ( 1960 ) में था । इस फ़िल्म में असलम परवेज़ और यास्मीन ने अभिनय किया था । शायर थे शौक़त हाशमी जो इस फ़िल्म के डायरेक्टर भी थे । म्यूज़िक डायरेक्शन मुसलेहुद्दीन का था –

रात सुहानी है , सोया सोया चाँद है
मेरी क़सम है तुझको
एक बार मुस्कुरा दे।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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