एक मुसाफ़िर एक हसीना मैं प्यार का राही हूँ तेरी ज़ुल्फ़ के साये में संगीतकार…
गीत – चाहूँगा मैं तुझे साँझ सबेरे , फिर भी कभी अब नाम को तेरे,…
एक मुसाफ़िर एक हसीना मैं प्यार का राही हूँ तेरी ज़ुल्फ़ के साये में संगीतकार…
गीत – चाहूँगा मैं तुझे साँझ सबेरे , फिर भी कभी अब नाम को तेरे,…