मैं प्यार का राही हूँ तेरी ज़ुल्फ़ के साये में- एक मुसाफ़िर एक हसीना एक मुसाफ़िर एक हसीना मैं प्यार का राही हूँ तेरी ज़ुल्फ़ के साये में संगीतकार…
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सबेरे , फिर भी कभी अब नाम को तेरे , आवाज़ मैं न दूँगा- दोस्ती (1964) गीत – चाहूँगा मैं तुझे साँझ सबेरे , फिर भी कभी अब नाम को तेरे,…