गीत – कहीं दूर जब दिन ढल जाये, सांझ की दुल्हन बदन चुराये, चुपके से…
गीत- तक़दीर का फ़साना जा कर किसे सुनायें इस दिल में जल रही हैं अरमान…
गीत – कहीं दूर जब दिन ढल जाये, सांझ की दुल्हन बदन चुराये, चुपके से…
गीत- तक़दीर का फ़साना जा कर किसे सुनायें इस दिल में जल रही हैं अरमान…