गीत – मन रे तू काहे ना धीर धरे 

वो निर्मोही मोह न जाने जिनका मोह करे 

फ़िल्म – चित्रलेखा (1964)

संगीतकार – रोशन

गीतकार – साहिर लुधियानवी

गायक – मोहम्मद रफी

भगवती चरण वर्मा के उपन्यास ‘चित्रलेखा‘ पर निर्देशक केदार शर्मा ने इसी नाम से दो बार फ़िल्में बनाईं । 1941 में पहली बार टाइटिल रोल में मेहताब को लिया था। यह फ़िल्म और मेहताब दोनों उन दिनों पत्र पत्रिकाओं में चर्चा के मुख्य विषय हुआ करते थे। फ़िल्म में मेहताब ने एक निर्वस्त्र स्नान दृश्य दिया था। फ़िल्म ने बाक्स आफिस पर सफलता के झण्डे गाड़े थे। शास्त्रीय संगीत की जानी मानी हस्ती उस्ताद झण्डे खां ने चित्रलेखा (1941) में संगीत दिया था। ‘तुम जाओ बड़े भगवान बने, इन्सान बनो‘ गीत बेहद लोकप्रिय हुआ था। भारत भूषण की यह पहली फ़िल्म थी।

केदार शर्मा ने 1964 में ‘चित्रलेखा’ का रीमेक बनाया। इस बार चित्रलेखा की भूमिका में मीनाकुमारी थीं। साथ में अशोक कुमार, प्रदीप कुमार, महमूद आदि सितारे भी थे। फ़िल्म रंगीन थी लेकिन इस बार वह जादू न जगा सकी । फ़िल्म का एकमात्र सशक्त पक्ष इसका संगीत था। रोशन और साहिर लुधियानवी की जोड़ी ने सुमधुर कालजयी गीतों की रचना की थी।

‘आउटलुक’ पत्रिका ने 2006 में हिन्दी फ़िल्मी गीतों का एक सर्वे किया था। इसमें उन्होंने फ़िल्मी संगीत की 30 नामवर हस्तियों से उनकी पसंद के दस गानों की, बिना किसी विशेष क्रम के, एक सूची माँगी थी। सारे गीतों को मिले वोटों के आधार पर एक फ़ाइनल सूची बनाई गयी थी।

30 संगीतकार , गीतकार और गायक – गायिकाओं की सम्मिलित ज्यूरी के कुछ प्रमुख नाम हैं – ख़य्याम, मन्ना डे, महेन्द्र कपूर, गुलज़ार, जावेद अख़्तर, राजेश रोशन, सोनू निगम, श्रेया घोषाल, कैलाश खेर, कविता कृष्णमूर्ती, प्रसून जोशी, शान्तनु मोइत्रा, संदेश शांडिल्य, शंकर – एहसान – लॉय, कुमार सानू, अभिजीत आदि आदि। फ़िल्म संगीत के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ 20 गीतों की सूची में पहला स्थान मोहम्मद रफ़ी के गाये ‘चित्रलेखा’ के गीत को प्राप्त हुआ था।

सम्पूर्ण सूची इस प्रकार है –
1- मन रे तू काहे न धीर धरे – चित्रलेखा

2- तीन गीतों को संयुक्त रूप से यह स्थान मिला –
तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं – गाइड
दिन ढल जाये हाय रात न जाये – गाइड
कुछ तो लोग कहेंगे – अमर प्रेम

3- इस पायदान पर भी तीन गीत एक साथ थे –
वक़्त ने किया क्या हसीं सितम – काग़ज़ के फूल
जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा – ताजमहल
प्यार किया तो डरना क्या – मुग़लेआज़म

4- इस पायदान पर तेरह गीतों का सामूहिक क़ब्ज़ा था –
अय क़ातिबे तक़दीर मुझे इतना बता दे – माई सिस्टर
आयेगा , आयेगा आनेवाला – महल
पिया तोसे नैना लागे रे – गाइड
मैं ये सोच कर उसके दर से उठा था – हक़ीक़त
ओ सजना बरखा बहार आई – परख
कुछ दिल ने कहा – अनुपमा
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं – आप की क़सम
तुम जो मिल गये हो – हँसते ज़ख़्म
दिल चीज़ है क्या – उमराव जान
चुरा लिया है तुमने – यादों की बारात
तुम पुकार लो – ख़ामोशी
हर घड़ी बदल रही है – कल हो न हो
पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई – मेरी सूरत तेरी आँखें
नम्बर वन गीत का आनन्द लीजिये –
मन रे तू काहे न धीर धरे ,
वो निर्मोही , मोह ना जाने ,
जिनका मोह करे

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी

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