गीत – चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना
फ़िल्म – भाभी (1957)
संगीतकार – चित्रगुप्त
गीतकार – राजेन्द्र कृष्ण
गायक – तलत महमूद (मूल गीत मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में है)
गुलशन कुमार ने पुराने लोकप्रिय गीतों के कवर वर्शन से अपना धंधा शुरू कर ‘टी सिरीज़’ की स्थापना की थी। सोनू निगम, कुमार शानू, अनुराधा पोडवाल आदि गायकों ने उनके लिये ‘कवर वर्शंस’ गा कर अपना कैरियर आगे बढ़ाया। आज संगीत के क्षेत्र में यह कम्पनी नम्बर वन की पोज़ीशन पर विराजमान है। लता मंगेशकर ने ‘श्रद्धांजलि’ शीर्षक एलबम के कुछ वाल्यूम्स में पुराने प्रसिद्ध गायक गायिकाओं जैसे – के एल सहगल, पंकज मलिक, अमीर बाई कर्नाटकी, ज़ोहराबाई अम्बालेवाली, पारुल घोष, गीता दत्त, हेमन्त कुमार, किशोर कुमार आदि के गीत गा कर इन अमर गायकों को अपनी श्रद्धांजलि दी थी।
कभी कभार फ़िल्मों में एक ही गीत को दो अलग अलग गायकों से गवा कर एक गीत फ़िल्म में रख लिया जाता है। साथ ही फ़िल्म में शामिल न होने पर भी दूसरे गायक के गीत का रिकार्ड ज़ारी कर दिया जाता है। जैसे फ़िल्म ‘जीवन ज्योति‘ (1953, शम्मी कपूर, चाँद उस्मानी) में संगीतकार सचिन देव बर्मन ने गीत ‘छाई कारी बदरिया बैरनिया हो राम, घन बदरा गगनवा झुकन लागे हो‘ लता मंगेशकर एवं आशा भोंसले दोनों की आवाज़ में रिकार्ड किया। ध्यान रहे यह टैण्डम सांग नहीं है। फ़िल्म में लता मंगेशकर का वर्शन रखा गया पर संगीतप्रेमियों के लिये आशा भोंसले का भी गाया हुआ यही गीत उपलब्ध है। यह सामान्य डबिंग से अलग बात है जब मुख्य गायक समय से उपलब्ध न होने पर किसी नये/छोटे गायक की आवाज़ में गीत रिकार्ड कर लिया जाता है। फिर मुख्य गायक की आवाज़ में बाद में वह गीत डब कर लिया जाता है।
फ़िल्म ‘आदमी’ में मनोज कुमार के अनुरोध पर नौशाद साहब ने ‘कैसी हसीन आज सितारों की रात है, एक चाँद आसमां पे है एक मेरे साथ है’ गीत को तलत महमूद और महेन्द्र कपूर दोनों की आवाज़ में रिकार्ड किया। फ़िल्म में महेन्द्र कपूर का गाया गीत रहा तथा बाज़ार में तलत महमूद का गाया गीत आया। फ़िल्म ‘बाबुल‘ (1950, दिलीप कुमार, मुनव्वर सुल्ताना) का प्रसिद्ध गीत ‘मिलते ही आँखें दिल हुआ दीवाना किसी का, अफ़साना मेरा बन गया अफ़साना किसी का’ जो नौशाद ने तलत महमूद और शमशाद बेग़म से गवाया था, का एक वर्शन हेमन्त कुमार और उमादेवी (टुनटुन) की आवाज़ में भी यू ट्यूब पर उपलब्ध है। फ़िल्म ‘मोहरा’ (संगीत बिजू शाह) का पंकज उधास का गाया गीत ‘ना कजरे की धार ना मोतियों के हार’ गायक मुकेश के स्वर में बहुत पहले रिकार्ड हुआ था। उसे भी यू ट्यूब पर सुना जा सकता है।
पचास के दशक के उत्तरार्ध में एच एम व्ही म्यूज़िक कम्पनी ने पश्चिम जगत की नक़ल में भारत में भी हिट गीतों के कवर वर्शन निकालने की योजना बनाई थी। पश्चिम में प्रसिद्ध अंग्रेज़ी गीतों को कई गायकों से अलग अलग गवाने का चलन लोकप्रिय था। इस तरह मो रफ़ी से मुकेश के गाये हिट गीत, हेमन्त कुमार से तलत महमूद के गाये गीतों के कवर वर्शन की योजना थी। पर सभी गायकों को यह योजना पसंद नहीं आई। अन्ततः एच एम व्ही को वह विचार छोड़ना पड़ा। लेकिन तब तक कम्पनी ने फ़िल्म ‘भाभी‘ (1957, बलराज साहनी, पंडरीबाई, नन्दा) के एक प्रसिद्ध गीत जिसे फ़िल्म के लिये मोहम्मद रफ़ी ने गाया था को तलत महमूद की आवाज़ में बाज़ार में ज़ारी कर दिया था। राजेन्द्र कृष्ण के लिखे इस गीत की धुन चित्रगुप्त ने तैयार की थी।
आज का गीत में ‘भाभी’ का वही गीत तलत महमूद के स्वर में सुनिये –
चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना
साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।