गीत – क़दमों में तेरे अय सनम हमनें तो सर झुका लिया 

तुझको ख़ुदा बना लिया

फ़िल्म – उम्मीद पे दुनिया जीती है (1965, अप्रदर्शित)/एलबम – कैसे कटेगी ज़िन्दगी

संगीतकार – मदन मोहन

गीतकार – प्रेम धवन

गायक – मोहम्मद रफ़ी

संगीतकार मदन मोहन का देहान्त 1975 में हो गया था। उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके बड़े बेटे संजीव कोहली ने मदन मोहन के स्पूल टेप रिकार्डर में कई गीत ऐसे सुने जो उन फ़िल्मों के लिये रिकार्ड किये गये थे जो अधूरी छूट गईं या डिब्बा बन्द हो गईं। इस कारण उन गीतों के रिकार्ड भी रिलीज़ न हो पाये। अधिकांश गीत प्रमुख गायकों जैसे मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, आशा भोंसले, तलत महमूद और किशोर कुमार के स्वर में थे। अस्सी के दशक के आरंभ में उन गीतों में से दस गीत ‘पाॅलीडोर‘ म्यूज़िक कम्पनी ने एक एल पी रिकार्ड में ज़ारी किये – ‘मदन मोहन – ए ट्रेज़र रिवील्ड‘ (Madan Mohan – A Treasure Revealed)। सीमित विज्ञापन के कारण इस एलबम की अधिक चर्चा नहीं हुई। बाद में संजीव कोहली ने पाॅलीडोर से उस एलबम के संगीत अधिकार वापिस ख़रीद लिये। कई वर्षों बाद संजीव कोहली ने मदन मोहन की शेल्व्ड फ़िल्मों के गीतों में से चुन कर दो एलबम रिलीज़ किये – ‘कैसे कटेगी ज़िन्दगी‘ (दस गीत) तथा ‘तेरे बग़ैर‘ (पन्द्रह गीत)।

अभिनेता त्रिलोक कपूर, पृथ्वी राज कपूर के छोटे भाई थे। उन्होंने अधिकांशतः धार्मिक फ़िल्मों में काम किया था। जिस तरह जीवन कई फ़िल्मों में नारद की भूमिका करने के लिये विख्यात थे उसी तरह त्रिलोक कपूर अपनी शंकर की भूमिकाओं के लिये जाने जाते थे।’हर हर महादेव‘ (1950) के बाद से उनकी और निरूपाराय की जोड़ी शंकर – पार्वती के रूप में अत्यन्त लोकप्रिय हो गई थी।

त्रिलोक कपूर ने साठ के दशक में एक फ़िल्म अपने बेटे विकी कपूर को हीरो के तौर पर लाँच करने के लिये शुरू की थी। फ़िल्म का नाम था – ‘उम्मीद पे दुनिया जीती है‘। इस फ़िल्म की नायिका राजश्री ( शांताराम) थीं। राजश्री के शादी कर अमेरिका चले जाने तथा कुछ आर्थिक कारणों से यह फ़िल्म पूरी न बन सकी। फ़िल्म के संगीतकार मदन मोहन थे। उन्होंने लता मंगेशकर एवं मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ों में दो गीत रिकार्ड किये थे। लता मंगेशकर का गाया गीत ‘मैं एक बालक बेसहारा, एक अकेला भटकता सितारा ‘एलबम- ‘तेरे बग़ैर’ में संग्रहित है। गीतकार प्रेमधवन का लिखा तथा मोहम्मद रफ़ी का गाया गीत एलबम – ‘कैसे कटेगी ज़िन्दगी’ में शामिल किया गया है-

क़दमों में तेरे अय सनम
हमने तो सर झुका लिया
तुझको ख़ुदा बना लिया

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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