चाँद सा कोई चेहरा न पहलू में हो, तो चाँदनी का मज़ा नहीं आता (क़व्वाली)- शोले (1975) गीत – चाँद सा कोई चेहरा न पहलू में हो, तो चाँदनी का मज़ा नहीं आता…