क़िस्मत (1943) गीत – आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है दूर हटो…
गीत – कोई हमदम न रहा, कोई सहारा न रहा, हम किसी के न रहे…
क़िस्मत (1943) गीत – आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है दूर हटो…
गीत – कोई हमदम न रहा, कोई सहारा न रहा, हम किसी के न रहे…