गीत – दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई तूने काहे को दुनिया बनाई…
गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…
गीत – दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई तूने काहे को दुनिया बनाई…
गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…