क़समें हम अपनी जान की खाये चले गये फिर भी वो एतबार ना लाये चले गये-मेरे ग़रीबनवाज़ (1973) गीत – क़समें हम अपनी जान की खाये चले गये फिर भी वो एतबार ना…