छू लेने दो नाज़ुक होंठों को कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये- काजल (1965) गीत – छू लेने दो नाज़ुक होंठों को कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये…
आवाज़ दे कर हमें तुम बुलाओ, मोहब्बत में इतना ना हमको सताओ-प्रोफ़ेसर (1962) गीत – आवाज़ दे कर हमें तुम बुलाओ मोहब्बत में इतना ना हमको सताओ फ़िल्म…