गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…
गीत – तुम्हें हुस्न देके ख़ुदा ने सितमगर बनाया चलो इस बहाने तुम्हें भी ख़ुदा…
गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…
गीत – तुम्हें हुस्न देके ख़ुदा ने सितमगर बनाया चलो इस बहाने तुम्हें भी ख़ुदा…