गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…
गूँज उठी शहनाई एक संगीतमय दुःखद प्रेम कथा है। ये 1959 की पांचवी सबसे बड़ी…
गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…
गूँज उठी शहनाई एक संगीतमय दुःखद प्रेम कथा है। ये 1959 की पांचवी सबसे बड़ी…