गीत – छलके तेरी आँखों से शराब और ज़्यादा खिलते रहें होंठों के गुलाब और…
गीत – क़समें हम अपनी जान की खाये चले गये फिर भी वो एतबार ना…
गीत – छलके तेरी आँखों से शराब और ज़्यादा खिलते रहें होंठों के गुलाब और…
गीत – क़समें हम अपनी जान की खाये चले गये फिर भी वो एतबार ना…