गीत – छू लेने दो नाज़ुक होंठों को कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये…
गीत – खिलते हैं गुल यहाँ, खिल के बिखरने को मिलते हैं दिल यहाँ, मिल…
गीत – छू लेने दो नाज़ुक होंठों को कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये…
गीत – खिलते हैं गुल यहाँ, खिल के बिखरने को मिलते हैं दिल यहाँ, मिल…