दुनिया में अमीरों को आराम नहीं मिलता, हँसते हैं तो रोने का पैग़ाम नहीं मिलता- कनीज़ (1949) गीत – दुनिया में अमीरों को आराम नहीं मिलता हँसते हैं तो रोने का पैग़ाम…