गुलज़ार साब की ‘माचिस’ जैसी कुछेक को अलग रख कर देखें तो पंजाब को हिंदी…
पहलाज साहब, मैं आऊँगा। निहलानी साहब, नमस्ते। मैं उड़ता पंजाब। अरे! चौंकिए मत। मैं जिंदा…
गुलज़ार साब की ‘माचिस’ जैसी कुछेक को अलग रख कर देखें तो पंजाब को हिंदी…
पहलाज साहब, मैं आऊँगा। निहलानी साहब, नमस्ते। मैं उड़ता पंजाब। अरे! चौंकिए मत। मैं जिंदा…