बहारों से कहेंगे, नज़ारों से कहेंगे, हम हो चुके तुम्हारे, हज़ारों से कहेंगे- उल्फ़त की नयी मंज़िलें (1994) गीत – बहारों से कहेंगे, नज़ारों से कहेंगे हम हो चुके तुम्हारे, हज़ारों से कहेंगे…