छू लेने दो नाज़ुक होंठों को कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये- काजल (1965) गीत – छू लेने दो नाज़ुक होंठों को कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये…
किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है- हमराज़ (1967) गीत – किसी पत्थर की मूरत से मोहब्बत का इरादा है फ़िल्म – हमराज़ (1967)…