दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई- तीसरी क़सम (1966) गीत – दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई तूने काहे को दुनिया बनाई…
हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह – दस्तक (1970) गीत – हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की…