गीत – मोरे सैंयाजी उतरेंगे पार हो नदिया धीरे बहो
फ़िल्म – उड़नखटोला
संगीतकार – नौशाद
गीतकार – शकील बदायूंनी
गायिका – लता मंगेशकर

सन 1955 में बनी फ़िल्म ‘उड़नखटोला’ अपने सुमधुर गीतों के लिये आज भी याद की जाती है। संगीतकार नौशाद इस फ़िल्म के प्रोड्यूसर भी थे। इस फ़िल्म के अलावा नौशाद ने दो और फ़िल्में प्रोड्यूस की थीं – ‘मालिक’ (1958 ) जिसका संगीत उनके सहायक ग़ुलाम मोहम्मद ने दिया था तथा ‘बाबुल’ (1950)। नौशाद की लिखी कहानियों पर दो फ़िल्में भी बनी थीं – ‘पालकी’ तथा ‘तेरी पायल मेरे गीत’। नौशाद के एक बेटे रहमान नौशाद फ़िल्म निर्देशक थे उन्होंने फ़िल्म – ‘तेरी पायल मेरे गीत’ और ‘माई फ्रैंड’ का निर्देशन किया था।
प्रोड्यूसर नौशाद ने अपनी फ़िल्म ‘उड़नखटोला’ को तमिल भाषा में भी डब किया था। तमिल में फ़िल्म का नाम ‘वनरथम्’ था। उस फ़िल्म में तमिल में गीत कम्बदासन के थे जिनका संगीत नौशाद ने दिया था। सभी गीतों की धुन हिन्दी ‘उड़नखटोला’ वाली ही थी। उनमें कुछ गीत लता मंगेशकर ने गाये थे। तमिल में गाये लता मंगेशकर के गीत सुपरहिट रहे और आज भी याद किये जाते हैं।
‘उड़नखटोला’ का गीत ‘मोरे सैंयाजी उतरेंगे पार हो नदिया धीरे बहो’ पर्दे पर नायिका निम्मी पर फ़िल्माया गया था। साथ में दिलीप कुमार और सूर्यकुमारी भी नज़र आते हैं। इस गीत की विशेषता यह है कि संगीतकार नौशाद ने गीत में आर्केस्ट्रा के बिना केवल कोरस और हमिंग के सहारे ग़ज़ब की मिठास भर दी है। इस गीत को तमिल में भी लता मंगेशकर ने अपना स्वर दिया है।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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