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तुम मेरी ज़िन्दगी में कुछ इस तरह से आये
भूला सा ख़्वाब जैसे सच हो के मुस्कुराये
फ़िल्म – बाम्बे टू गोवा
स्वर – किशोर कुमार – लता मंगेशकर

गुरुदत्त, वहीदा रहमान को डबल रोल में ले कर एक फ़िल्म बना रहे थे ‘राज़‘। वह फ़िल्म चार-पाँच रील बनने के बाद बन्द कर दी गई क्योंकि गुरुदत्त उसकी प्रगति से संतुष्ट नहीं थे। राज खोसला उस समय गुरुदत्त के सहायक थे। बाद में राज खोसला ने उस कहानी पर साधना को नायिका ले कर ‘वह कौन थी’ फ़िल्म का निर्माण किया। गुरुदत्त ने ‘ राज़ ‘ के लिये संगीतकार के रूप में पंचम याने राहुल देव बर्मन को साइन किया था जो उस समय मात्र 18 वर्ष के थे। ‘ राज़ ‘ के लिये दो गीत रिकार्ड किये गये थे। पहला तीन महिला गायिकाओं के स्वर में – गीतादत्त , शमशाद बेग़म और आशा भोंसले की आवाज़ों में तथा दूसरा हेमन्त कुमार और गीतादत्त की आवाज़ों में था । यह युगलगीत चैपलिन की ‘ लाइमलाइट थीम ‘ से प्रभावित था । इन गीतों के गीतकार शैलेन्द्र थे।

उस ‘लाइमलाइट थीम’ वाले युगलगीत को पंचम ने ‘बाम्बे टू गोवा’ के लिये किशोर कुमार व लता मंगेशकर के स्वर में री-रिकार्ड किया । चूँकि ‘बाम्बे टू गोवा’ के गीतकार राजेन्द्र कृष्ण थे अतः इस गीत का श्रेय भी उनको चला गया । शैलेन्द्र साहब के पुत्र शैली शैलेन्द्र ने इस बात पर आपत्ति जताई , उसके बाद यह गीत फ़िल्म ‘बाम्बे टू गोवा’ से हटा दिया गया ।

यू ट्यूब पर यह गीत उपलब्ध है पर उसका वीडियो नहीं है और गीतकार के रूप में शैलेन्द्र का नाम न हो कर ग़लत नाम राजेन्द्र कृष्ण ही दिया गया है ।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

 

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