गीत – हे नम्रता के सम्राट
गीतकार – मोहनदास कर्मचन्द गांधी
संगीतकार – बसंत देसाई
गायक – मन्ना डे

संगीतप्रेमी लेखक सुरेश चांदवणकर जी को एक बार क़िस्मत से मुम्बई के चोर बाज़ार में एक दुर्लभ ग्रामाफ़ोन रिकार्ड मिल गया । यह एक ग़ैरफिल्मी भक्तिगीत का रिकार्ड था। इस भजन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यह गीत महात्मा गांधी जी के द्वारा लिखा गया था । इसे उन्होंने अंग्रेज़ी में लिखा था –

Prayer
Lord of humanity
Dwelling in the little pariah hut
Help us to search for Thee throughout
That fairland watered by Ganges , Brahmaputra and Jamuna
Give us receptiveness
Give us Thy humility
Give us the ability and willingness to identify ourselves
with the masses of India
Oh God !
Who does help only when man
feels utterly humble
Grant that we may not be isolated from the people
We would serve as servants and friends
Let us be embodiments of self-sacrifices embodiments of godliness
Humanity personified that we may know
the land better and love it more.

The Legend- Manna Dey

प्रार्थना गीत का हिन्दी रूपान्तरण उमाशंकर जोशी ने तथा गुजराती भावानुवाद भंवरीलाल ने किया था। तीनों ही भाषाओं में यह प्रार्थना साबरमती आश्रम में गाँधीजी की रचनाओं में तथा एक तस्वीर के नीचे दीवार पर मौजूद है। यह प्रार्थना महात्मा गांधी ने 1934 में लिखी थी। संगीतकार वसंत देसाई के संगीत निर्देशन में मन्ना डे की आवाज़ में इस प्रार्थना का ग्रामाफ़ोन रिकार्ड गांधी शताब्दी समिति (महाराष्ट्र शासन) ने महात्मा गांधी जन्म शताब्दी (1969) के उपलक्ष्य में रिलीज़ किया था –हे नम्रता के सम्राट

महात्मा गांधी रचित इस भजन का एक अन्य नया वर्शन भी यू ट्यूब पर उपलब्ध है। इस नये वर्शन के संगीतकार इलय्या राजा हैं तथा गुरुगंभीर स्वर में गायन पंडित भीमसेन जोशी और पंडित अजय चक्रवर्ती का है। गीत के अंत में इसकी आवृत्ति अमिताभ बच्चन की पुरअसर आवाज़ में है। अनुवाद थोड़ा अलग हट कर है ‘हे नम्रता के सम्राट’ के स्थान पर – हे नम्रता के सागर , तेरी अपनी नम्रता दे.

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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