गीत – आयेगा, आयेगा, आयेगा आने वाला
फ़िल्म – महल (1949)
संगीतकार – खेमचन्द प्रकाश
गीतकार – जे नख़्शब
गायिका – लता मंगेशकर

लता मंगेशकर का नाम बचपन में ‘हृदया‘ रखा गया था। पंडित दीनानाथ मंगेशकर की पहली पत्नी का पुत्री के जन्म के समय देहांत हो गया था। उस बच्ची का नाम लता तय किया गया था। दैवयोग से वह बालिका अल्पायु निकली। दीनानाथ जी का दूसरा विवाह उनकी स्वर्गीया पत्नी की छोटी बहन से हुआ। पंडित जी गायन के साथ साथ नाटकों में भी काम किया करते थे। उन दिनों पुरुष ही मंच पर नारी पात्रों का अभिनय करते थे। उन्होंने एक नाटक ‘भाव बंधन‘ में नायिका ‘लतिका‘ की भूमिका निभाई थी। नायिका ‘लतिका’ के चरित्र से वे अत्यन्त प्रभावित थे। इस ‘लतिका प्रभाव’ तथा अचेतन में पहली सन्तान ‘लता’ का मोह होने से उन्होंने ‘हृदया’ का नाम बदल कर लता कर दिया। चार पुत्रियों (लता, मीना, आशा और उषा) के बाद पुत्र पैदा होने पर उन्होंने फिर उसका नाम हृदयनाथ रखा।

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पंडित दीनानाथ जी का जब निधन हुआ उस समय सब बच्चे छोटे छोटे थे। लता उनमें सबसे बड़ी थीं तो घर चलाने की ज़िम्मेदारी उन्होंने स्वयं अपने ऊपर ले ली। पहले मराठी फ़िल्मों में अभिनय और फ़िर गायन के ज़रिये किसी तरह ज़िन्दगी आगे बढ़ रही थी।

फ़िल्म -‘महल‘ (1949) के गीत ‘आयेगा आने वाला’ के बाद लता को सफलता मिली। जब खेमचंद प्रकाश ने इस गीत की धुन बनाई तो इसके बारे में दोनों निर्माताओं की राय विभक्त थी। सावक वाचा को यह धुन बिल्कुल पसंद नहीं आई जब कि अशोक कुमार को यह अच्छी लगी।

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इस गीत में यह असर डालना था कि गाने की आवाज़ दूर से क्रमश: पास आ रही है। उन दिनों अपने देश में रिकार्डिंग की तकनीक अधिक विकसित नहीं थी। रिकॉर्डिंग स्टूडियो के बीच में माइक रखा गया तथा कमरे के एक कोने से गाते गाते लता धीरे धीरे चलते हुये माइक के पास पहुँची। इस तरह गीत में वांछित प्रभाव पैदा किया गया।

गीत के रिकार्ड में गायिका का नाम ‘कामिनी’ छपा था। ‘कामिनी’ फ़िल्म ‘महल’ में नायिका मधुबाला का नाम था। जब फ़िल्म रिलीज़ हुई तो यह गीत बेहद मशहूर हो गया। रेडियो पर श्रोताओं के ढेरों पत्र गायिका का नाम जानने के लिये पहुँचने लगे। फलस्वरूप एच एम व्ही को रेडियो पर जानकारी प्रसारित करनी पड़ी कि इस गीत की गायिका का नाम लता मंगेशकर है।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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