आवाज़ दो हम एक हैं

गायक – मोहम्मद रफ़ी
संगीतकार – ख़य्याम
गीतकार – जाँनिसार अख़्तर

1962 में भारत – चीन युद्ध के दौरान लोगों में देशप्रेम की लहर का ज्वार उमड़ा हुआ था। पंडित नेहरू की अपील पर सब अपने सामर्थ्य से बढ़ कर दान कर रहे थे। फ़िल्मों के सितारों ने भी सड़क पर उतर कर अपने चाहने वालों से ‘नेशनल डिफ़ेंस फ़ण्ड’ में अधिक से अधिक योगदान करने का आव्हान किया था। उस समय लोगों ने सोने के आभूषण उतार उतार कर सितारों की झोली में डाल दिये थे।

ऐसे समय में आम जनता का उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से जाँनिसार अख़्तर ने दो गीत लिखे – ‘वतन की आबरू ख़तरे में है, तैयार हो जाओ’ तथा ‘आवाज़ दो हम एक हैं’। इन गीतों को संगीतकार ख़य्याम के संगीत निर्देशन में मोहम्मद रफ़ी ने अपनी जोश भरी आवाज़ में रिकार्ड करवाया।

Rare & Unseen Photos of Mohammed Rafi

इन गीतों को इंडियन फ़िल्म इण्डस्ट्री की ‘नेशनल डिफ़ेंस कमेटी’ ने फ़िल्माने का निर्णय लिया। निर्देशक महबूब खान के ‘मदर इण्डिया‘ के तीनों हीरो सुनील दत्त, राज कुमार, राजेन्द्र कुमार तथा ‘सन आॅफ इंडिया‘ के हीरो कमलजीत पर ये गीत फ़िल्माये गये। फ़िल्म्स डिवीज़न ने न्यूज़ रील के साथ देश भर के सिनेमाघरों में हर फ़िल्म से पहले इन दोनों गीतों का प्रदर्शन लम्बे समय तक किया। गीतों के रिकार्ड बाज़ार में बिक्री के लिये उपलब्ध कराये गये।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत – चीन युद्ध के समय बना यह गीत शुभकामनाओं के साथ आपके समक्ष प्रस्तुत है –

एक है अपनी ज़मीं
एक है अपना गगन,
एक है अपना जहां
एक है अपना वतन।
अपने सभी सुख एक हैं,
अपने सभी ग़म एक हैं,
आवाज़ दो हम एक हैं।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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