गीत – तोहे कजरा लगाऊँ मोरी रानी
फ़िल्म – सिस्टर/बहन (1941)
संगीतकार – अनिल बिश्वास
गीतकार – डाॅ सफ़दर आह
गायिकायें – बेबी मीना (कुमारी ) और बीना कुमारी

‘सिस्टर/बहन’ (1941) महबूब खान साहब द्वारा निर्देशित फ़िल्म थी जिसमें नलिनी जयवंत पहली बार रुपहले पर्दे पर नज़र आईं थीं। उनके साथ शेख़ मुख़्तार थे जिन्होंने उनके बड़े भाई की भूमिका निभाई थी। शेख़ मुख़्तार अपने रफ़ और टफ़ व्यक्तित्व के लिये पहचाने जाते थे। उनकी ऊँचाई और मर्दाना शख़्सियत के आगे बाक़ी कलाकार बौने दिखलाई पड़ते थे। उन्होंने अभिनय करने के साथ साथ कुछ फ़िल्में भी प्रोड्यूस की थीं। ‘दिल्ली का दादा‘, ‘नूरजहां‘ आदि फ़िल्मों के वे निर्माता थे। ‘दिल्ली का दादा’ में उनकी तथा हास्य कलाकार मुकरी जो ठिगने क़द के थे की ‘लम्बू – छोटू’ जोड़ी बड़ी मज़ेदार लगी थी।

शेख़ मुख़्तार सत्तर के दशक में पाकिस्तान चले गये थे। वे अपने साथ अपनी फ़िल्मों के मास्टर प्रिण्ट्स भी ले गये थे। उन दिनों पाकिस्तान में भारतीय फ़िल्मों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा हुआ था। उन्होंने वहाँ जा कर मुक़दमा लड़ा। उनका तर्क था कि वे अब पाकिस्तान के नागरिक हैं साथ ही उन फ़िल्मों के निर्माता (मालिक) भी हैं। जब वे पाकिस्तानी हो गये तो वे फ़िल्में भी भारतीय न हो कर पाकिस्तानी हो गयीं। अन्ततः उन्हें उन फ़िल्मों के पाकिस्तान में प्रदर्शन की अनुमति मिल गयी।

‘नूरजहाँ’ भारत में बाॅक्स आफिस पर असफल साबित हुई थ । लेकिन पाकिस्तान में सिनेमाघरों में दर्शकों ने बड़े उत्साह से उसका स्वागत किया। शेख़ मुख़्तार का उन दिनों ही पाकिस्तान में इंतक़ाल हो गया। वे अपनी सफलता का जश्न ना मना सके। फ़िल्म ‘ नूरजहाँ ‘ में शीर्षक भूमिका में मीना कुमारी थीं। शेख़ मुख़्तार और मीना कुमारी की जान पहचान बरसों पुरानी थी। ‘सिस्टर’ में नायिका नलिनी जयवंत के बचपन का रोल बेबी मीना (कुमारी) ने किया था। इस तरह शेख़ मुख़्तार और मीना कुमारी ने ‘सिस्टर’ में साथ काम किया था। अभिनय के साथ साथ बाल कलाकार बेबी मीना ने इस फ़िल्म में एक गीत भी गाया था। गीत में उनका साथ अदाकारा बीना कुमारी ने दिया था। मीना कुमारी के मासूम बाल रूप को देखिये और उनकी मीठी प्यारी आवाज़ में इस गीत का लुत्फ़ उठाइये – तोहे कजरा लगाऊँ मोरी रानी

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी एवं सारेगामा(फोटो) 

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