गीत – मैं भी जलूँ तू भी जले
आजा सनम लग जा गले
बाँहों में आ के देख ले
फ़िल्म – कभी धूप कभी छांव (1971)
संगीतकार – चित्रगुप्त
गीतकार – प्रेम धवन
गायिका – उषा अय्यर (उत्थुप)

उषा उत्थुप ने जब गाना शुरू किया था तब वे उषा अय्यर के नाम से जानी जाती थीं। बाद में जानी चाको उत्थुप (दूसरे पति) से शादी कर वे उषा उत्थुप बन गयीं। उनके घर में तमिल बोली जाती थी तथा बम्बई के स्कूल में अंग्रेज़ी माध्यम से पढ़ाई हुई। स्कूल में हिन्दी, मराठी और फ़्रेंच भी पढ़ाई गयी। पड़ोस के एक मुस्लिम परिवार से घनिष्ठ सम्बंध होने से उन्हें उर्दू की बारीकियों से परिचय हो गया। आगे चल कर इन भाषाओं का ज्ञान उन्हें गाने में बड़ा काम आया। उन्होंने 17 – 18 देशी तथा विदेशी भाषाओं में गीत गाये हैं, जिनमें मुख्य हैं – हिन्दी, पंजाबी, बांगला, असमिया, गुजराती, मराठी, ओरिया, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, अंग्रेज़ी, फ़्रेंच, जर्मन, इटेलियन, सिंहली, स्वाहिली, रशियन, नेपाली, अरबी वग़ैरह।

शुरू में वे नाइट क्लब में गाती थीं। वहाँ से उनकी शोहरत फ़िल्मी दुनिया तक पहुँची। पर उनकी दमदार, खुले गले वाली कुछ कुछ पुरुषोचित आवाज़ के कारण शुरू में कुछ सीमित आफर्स आये। पर बाद में आर डी बर्मन और भप्पी लाहिरी के संगीत में उन्होंने कई हिट गाने दिये – हरि ओम हरि (प्यारा दुश्मन), कोई यहाँ नाचे नाचे (डिस्को डांसर), रम्बा हो (अरमान), जो भी किया हमने किया शान से (शान), एक दो चा चा चा (शालीमार) आदि।

शुरू में वे विज्ञापन के जिंगल्स भी गाती थीं। प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह के साथ उनका गाया टिनोपाल/रानीपाल का जिंगल रेडियो पर बड़ा पापुलर हुआ था –

इतने उजले कपड़े किसका है कमाल – टिनोपाल
कपड़े कितने उजले और सफ़ेद
बोलो क्या है उसका भेद
वो है कम खर्चे वाला टिनोपाल।

All the aspects of Jagjit Singh’s life are there in the film. It is all about him and it includes all shades of him as well.

सामान्यतः समझा जाता है कि ‘हरे राम हरे कृष्ण‘ उनकी पहली फ़िल्म थी और उन्हें आर डी बर्मन ने पहली बार फ़िल्मों में गाने का मौक़ा दिया। दरअसल उषा अय्यर/उत्थुप से फ़िल्मों में पहली बार प्लेबैक कराने वाले संगीतकार चित्रगुप्त थे। उनकी फ़िल्म  ‘कभी धूप कभी छांव’ (1971) में उषा अय्यर ने एक कैबरे गीत गाया था। गीत की रिकार्डिंग के बाद जब उन्होंने घर पर बताया कि वे एक फ़िल्म में गा रहीं हैं तब उत्सुक भाई बहनों ने पूछा कि फ़िल्म में स्टार्स कौन हैं? ‘दारा सिंह, रंधावा, अमीता, गीतांजलि‘ वे नाम बता ही रहीं थीं कि भाई ने मज़ाक़ में कहा, ‘अच्छा तो तुम दारासिंह के लिये गा रही हो?’  वह कैबरे गीत फ़िल्म की सहनायिका गीतांजलि पर फ़िल्माया गया था –
मैं भी जलूँ, तू भी जले, आजा सनम लग जा गले, बाँहों में आ के देख ले।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी।

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