गीत – आई बहार किये सोला सिंगार
सखि चमका उमंगों का तारा
फ़िल्म – नवदुर्गा (1953)
संगीतकार – एस एन त्रिपाठी
गीतकार – आर सी पाण्डेय
 गायिकायें – गीतादत्त एवं लक्ष्मी राय

गीताराय (दत्त) आठ भाई बहन थे। पाँच भाई – मिहिर राय, रंजीत राय, मुकुल राय, पवित्र राय, मिलन राय चौधरी तथा तीन बहनें – गीताराय (दत्त), लक्ष्मी राय (चक्रवर्ती) और अमृता राय (बोस)। पिता देवेन्द्र नाथ ‘रायचौधरी’ के सरनेम को इस पीढ़ी ने छोटा कर सिर्फ ‘राय’ बना कर अपने नामों के साथ लगाया था। केवल एक भाई मिलन ‘ रायचौधरी ‘ लगाते रहे।

भाई मुकुल राय ने फ़िल्म ‘सैलाब‘ (1956) प्रोड्यूस की थी। इसमें पैसा गीतादत्त का लगा था। गीता बाली, अभि भट्टाचार्य, स्मृति विश्वास, हेलन आदि इस फ़िल्म के कलाकार थे। मूल निर्देशक रवीन्द्र दवे थे लेकिन वैचारिक मतभेद होने से वे बीच में ही फ़िल्म छोड़ कर अलग हो गये थे। गीतादत्त के अनुरोध पर गुरुदत्त ने वह फ़िल्म पूरी की थी। बाॅक्स आॅफिस पर ‘ सैलाब ‘ बुरी तरह पिट गयी थी । यहाँ तक कि गीतादत्त को स्वयं को दीवालिया घोषित करना पड़ा।

‘सैलाब’ का संगीत भी मुकुल राय ने दिया था। उनके संगीत निर्देशन में उनकी दो बहनों गीतादत्त और लक्ष्मी राय ने इसमें गीत गाये थे। मुकुल राय ने ‘डिटेक्टिव‘ (1958) फ़िल्म में भी संगीत दिया था जिसके नायक नायिका प्रदीप कुमार और माला सिन्हा थे। इस फ़िल्म में कुछ बड़े मधुर गीत थे – ‘दो चमकती आँखों में इक ख़्वाब सुहाना’ (गीतादत्त),’ आँखों पे भरोसा मत कर, दुनिया जादू का खेल है’ (मो रफी, सुधा मल्होत्रा),’मुझको तुम जो मिले’ (हेमन्त कुमार, गीतादत्त)। फ़िल्म – ‘अनुभव‘, ‘उसकी कहानी‘,’आविष्कार‘ आदि के संगीत निर्देशक कनु राय को भी लोग ग़लती से गीतादत्त का भाई समझ लेते हैं।

बहन लक्ष्मी राय (बांगला उच्चारण – लोक्खी राय) ने कुछ फ़िल्मों में प्लेबैक दिया था। उनका विवाह निर्माता, निर्देशक प्रमोद चक्रवर्ती के साथ हुआ था। उन्होंने 12 ओ क्लाॅक (गुरुदत्त, वहीदा रहमान), ज़िद्दी, लव इन टोक्यो, नया ज़माना, जुगनू आदि फ़िल्मों का निर्देशन किया था।

गुरुदत्त एवं गीतादत्त के दो पुत्र तरुण दत्त, अरुण दत्त और एक पुत्री नीना दत्त (मेमन, पति नौशाद मेमन) थे। बड़े बेटे तरुण दत्त ने एक फ़िल्म ‘बिन्दिया चमकेगी‘ (1984) का निर्देशन किया था जिसमें रेखा और विनोद मेहरा थे। कैसा दुखद संयोग है कि तरुण दत्त ने भी पिता गुरुदत्त की तरह 1985 में आत्महत्या कर ली थी। छोटे बेटे अरुण दत्त का भी असमय 2014 में देहान्त हो गया। अरुण दत्त की दो बेटियाँ गौरी तथा करुणा फ़िल्मों से जुड़ी हैं । बड़ी बहन करुणा ने अनुराग कश्यप के साथ ‘गैंग्स आॅफ वासेपुर‘ के निर्माण के समय काम किया है। छोटी बहन गौरी अनुराग कश्यप की फ़िल्म से अभिनय की शुरुआत कर सकती हैं, इस तरह की चर्चा सुनी है।

फ़िल्म – ‘नवदुर्गा‘ (1953) के सितारे – महिपाल, उषा किरण, सुलोचना चटर्जी आदि थे। संगीतकार एस एन त्रिपाठी ने भी इसमें अभिनय किया था। लक्ष्मी राय के इसमें दो युगलगीत थे। एक आशा भोंसले के साथ -‘देखो री सखि, रंग भरी होली’ और दूसरा अपनी बहन गीतादत्त के साथ- आई बहार किये सोला सिंगार, सखि चमका उमंगों का तारा।

साभार:- श्री रवींद्रनाथ श्रीवास्तव जी 

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