गीत – बिना तुम्हारे मज़ा क्या है ऐसे जीने में
बिरहा की आग लगी है धड़कते सीने में
फ़िल्म – स्ट्रीट सिंगर (1966)
संगीतकार – सूरज/शंकर (जयकिशन)
गीतकार – हसरत जयपुरी
गायक – मोहम्मद रफी

‘स्ट्रीट सिंगर’ नाम से दो बार फ़िल्में बनी हैं। 1938 में न्यू थियेटर्स के बैनर तले निर्देशक फणी मजूमदार ने पहली बार फ़िल्म बनाई थी जिसमें आर सी बोराल का संगीत था। फ़िल्म के नायक तथा गायक के एल सहगल का गीत ‘बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाये’ आज भी संगीत प्रेमियों के दिल में बसा हुआ है।

अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, लेखक चन्द्रशेखर ने 1966 में ‘स्ट्रीट सिंगर’ नाम से दूसरी बार फ़िल्म बनाई। चन्द्रशेखर साहब का नाम फ़िल्म इण्डस्ट्री में बड़ी इज़्ज़त से लिया जाता है। फ़िल्म आर्टिस्ट एसोसिएशन के वे पदाधिकारी रहे हैं और इण्डस्ट्री की भलाई के लिये वे हमेशा सक्रिय रहे। उन्होंने 100 से अधिक फ़िल्मों में अभिनय किया। बारादरी, काली टोपी लाल रूमाल, शराबी आदि फ़िल्मों में उनका यादगार अभिनय था। वे अपने पाश्चात्य नृत्यों के लिये भी जाने जाते हैं। उन्होंने इस विषय पर एक फ़िल्म भी बनाई थी -‘चा चा चा‘ जिसमें उनकी नायिका हेलन थीं। इक़बाल क़ुरैशी के संगीत निर्देशन में गीतकार नीरज के दो गीत – ‘सुबहा ना आई शाम ना आई, जिस दिन तेरी याद ना आई’ तथा ‘वो हम न थे वो तुम न थे, वो रहगुज़र थी प्यार की’ बड़े पसंद किये गये थे। संभवतः नीरज जी की रिलीज़ होने वाली यह पहली फ़िल्म थी।

‘स्ट्रीट सिंगर’ में चन्द्रशेखर की नायिका सरिता थीं। मनोज कुमार की ‘शहीद‘ फ़िल्म में सरिता पर ‘जोगी हम तो लुट गये तेरे प्यार में, जाने तुझको ख़बर कब होगी’ गीत फ़िल्माया गया था। ‘स्ट्रीट सिंगर’ के मुहूर्त पर मुख्य अतिथि के रूप में तत्कालीन उप राष्ट्रपति डाॅ ज़ाकिर हुसैन ने शिरकत की थी। उन्हें बतलाया गया था कि फुटपाथ पर जीवन जी रहे बेघर, बेसहारा बच्चों पर यह फ़िल्म बन रही है। फ़िल्म का विषय सुन कर वे ख़ुशी से उस मुहूर्त पर आने तैयार हो गये थे। वे इस बात को भूले नहीं थे। लगभग दो वर्ष बाद उन्होंने पता लगवाया था कि वह फ़िल्म पूरी हुई अथवा नहीं तथा उस फ़िल्म को देखने के लिये अपनी रुचि ज़ाहिर की थी।

चन्द्रशेखर और संगीतकार शंकर (जयकिशन) में गहरी दोस्ती थी। दोस्ती की ख़ातिर छोटे बजट की ‘स्ट्रीट सिंगर’ में संगीत देने के लिये शंकर तैयार हो गये। उन दिनों शंकर जयकिशन का नाम बुलन्दियों पर था तथा अनेक बड़े बजट की फ़िल्मों में वे संगीत दे रहे थे। उनके मार्केट पर असर ना पड़े इस कारण इस फ़िल्म में उन्होंने एक काल्पनिक नाम ‘सूरज’ के नाम से संगीत दिया। फ़िल्म के टाइटिल्स (क्रेडिट) में नाम आता है – ‘Music- Suraj, An assistant of Shankar Jaikishan .’ गीतकार हसरत जयपुरी थे तथा सभी गीत मोहम्मद रफ़ी और शारदा की आवाज़ में थे।
आज का गीत मोहम्मद रफ़ी का गाया ‘स्ट्रीट सिंगर’ का एक बेहद सुरीला गीत है –

बिना तुम्हारे मज़ा क्या है ऐसे जीने में
बिरहा की आग लगी है धड़कते सीने में

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